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त्रैमासिक - चौबीसवां संस्करण मार्च, 2017
अनुक्रमणिका हमारा संस्थान
  1. ग्राम पंचायतों के स्वयं के स्त्रोतो से आय में वृद्धि पर 2 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला
  2. अपनी बात ....
  3. सांसद आदर्श ग्राम योजना - एक परिचय
  4. आत्मनिर्भरता’ की ओर बढ़ते ग्राम पंचायतो के कदम ‘‘ग्राम पंचायत सेमरीहरचंद जनपद पंचायत सोहागपुर जिला होशंगाबाद’’ विशेष प्रयास
  5. सफलता की कहानी - प्रधानमंत्री आवास योजना में चावरपाठा की ग्राम पचांयत काचरकोना एवं डोभी ने बाजी मारी
  6. प्रधानमंत्री आवास योजना - ग्रामीण
  7. नव नियुक्त विकासखण्ड अधिकारियों का आधारभूत प्रशिक्षण सम्पन्न

ग्राम पंचायतों के स्वयं के स्त्रोतो से आय में वृद्धि पर 2 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत शासन के मार्गदर्शन में महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायतराज संस्थान, जबलपुर द्वारा ‘‘ग्राम पंचायतों की स्वयं के आय के स्त्रोतो से आय में वृद्धि‘‘ विषय पर 2 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 28 फरवरी 2017 से 1 मार्च 2017 तक दीनदयाल शोध संस्थान, चित्रकूट में किया गया।

कार्यशाला का शुभारंभ माननीय श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय मंत्री, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, भारत सरकार द्वारा किया गया। इनके साथ श्री जितेन्द्र शंकर माथुर, सचिव, भारत सरकार, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, श्री संजीव पटजोशी, संयुक्त सचिव, भारत सरकार, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, एवं श्री संजय कुमार सराफ, संचालक, महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायतराज संस्थान, जबलपुर उपस्थित रहे।

इस कार्यशाला में विभिन्न राज्यों से आमंत्रित ग्राम पंचायत सरपंच जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में स्वयं से अर्जित आय के संबंध में किये गये कार्यो पर विस्तृत रूप चर्चा कर जानकारी एवं अनुभव साझा किये।

मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, असम, सिक्किम, गुजरात, केरल आन्ध्रप्रदेश राज्यों से आये प्रतिभागियों द्वारा जीएस इम्पेक्ट ऑन लोकल गवरमेंट, फाइनेंस, रिव्यू ऑफ एकाउटिंग सिस्टम,

स्ट्रक्चर फॉर ओएसआर, एक्शन टेकन वाए स्टेस्ट ऑन केशलेस एण्ड डिजिटल ट्रांजेक्शन, फर्निशिंग, इन्फरमेंशन ऑन फाइनेंशियल एम्पॉवरमेंट ऑफ पीआर विषयों पर प्रस्तुतीकरण दिया गया।

कार्यशाला के अंतिम चरण में सचिव, महोदय भारत सरकार द्वारा 14 वें वित्त आयोग एवं राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान को सशक्त करने जिससे पंचायतें स्वयं के स्त्रोतो से आय प्राप्त कर सके, इस हेतु विशेष प्रावधानों को प्रभाव में लाने एवं संयुक्त सचिव महोदय भारत सरकार द्वारा 14 वे वित्त आयोग के ट्रेकिंग सिस्टम, फण्ड मॉनिट्रिंग को मजबूत करने की बात कही गयी तत्पश्चात कार्यशाला का समापन किया गया।

  अनुक्रमणिका  
सांसद आदर्श ग्राम योजना - एक परिचय
अपनी बात .....

‘‘पहल’’ मासिक ई-न्यूज लेटर का चौबीसवां संस्करण का प्रकाशन किया जा रहा है, जो इस साल का मासिक संस्करण के रूप में तृतीय संस्करण है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत शासन के मार्गदर्शन में महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायतराज संस्थान, जबलपुर द्वारा ‘‘ग्राम पंचायतों की स्वयं के आय के स्त्रोतो से आय में वृद्धि‘‘ विषय पर 2 दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ दीनदयाल शोध संस्थान, चित्रकूट में माननीय श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय मंत्री, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, भारत सरकार द्वारा किया गया। इसी विषय पर आत्मनिर्भरता’ की ओर बढ़ते ग्राम पंचायतो के कदम ‘‘ग्राम पंचायत सेमरीहरचंद जनपद पंचायत सोहागपुर जिला होशंगाबाद’’ विशेष प्रयास लेख के माध्यम प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। इसके अतिरिक्त ‘‘सांसद आदर्श ग्राम योजना-एक परिचय’’ एवं प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण पर शासन द्वारा जारी दिशा निर्देश और इसी विषय पर ’’सफलता की कहानी- प्रधानमंत्री आवास योजना में चावरपाठा की ग्राम पचांयत काचरकोना एवं डोभी ने बाजी मारी’’ के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास किया गया है।

मुझे पूर्ण विश्वास है कि आपको ‘पहल’ का यह संस्करण विभाग के अंतर्गत चल रही विकास योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करेगा और अत्यंत रूचिकर एवं प्रेरणा दायक प्रतीत होगा।
शुभकामनाओं सहित।

संजय कुमार सराफ
संचालक

एसएजीवाई का उद्देश्य मात्र अवसंरचना विकास करने के अलावा, गाँव में और उसकी जनता के मन में कतिपय नैतिक भावनाएं उत्पन्न करना है ताकि वे अन्य लोगों के लिए मॉडल बन सकें। इन मूल्यों में निम्नलिखित शामिल हैं :

  • लोगों की भागीदारी को अपने ध्येय के रूप में अपनाना-ग्रामीण जीवन से संबंधित सभी पहलुओं खासकर शासन से संबंधित निर्णयों में, समाज के सभीवर्गों की सहभागिता सुनिश्चित करना।
  • अंत्योदय के सिद्धान्त के अनुसार - गाँव में ‘‘सबसे निर्धन और कमजोर व्यक्तियों’’ को सक्षम बनाना ताकि वे अपना जीवकोपार्जन कर सकें।
  • महिला पुरूष समानता की पुष्टि करना और महिलाओं के लिए सम्मान सुनिश्चित करना।
  • सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना।
  • श्रम की गरिमा और सामुदायिक सेवा एवं स्वैच्छिक सेवा की भावना मन में बैठाना।
  • साफ-सफाई की आदत को बढ़ावा देना।
  • प्रकृति की सुरक्षा करते हुए विकास और पर्यावरण में संतुलन सुनिश्चित करना।
  • स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखना और इसे प्रोत्साहन देना।
  • पारस्परिक सहयोग, स्व-सहायता और आत्म विश्वास की भावना उत्पन्न करना।
  • ग्रामीण समुदाय में शांति और सौहार्द को बनाए रखना।
  • सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी बढ़ाना।
  • स्थानीय स्व-शासन को सहायता प्रदान करना।
  • भारतीय संविधान के मौलिक अधिकार और कर्तव्यों में उल्लिखित नैतिक मूल्यों का अनुपालन करना।

समूह द्वारा संचालित की जा सकने वाली गतिविधियों की पहचान चयन और योजना का निर्माण करना।




  अनुक्रमणिका  
पंकज राय,
संकाय सदस्य
आत्मनिर्भरता’ की ओर बढ़ते ग्राम पंचायतो के कदम ‘‘ग्राम पंचायत सेमरीहरचंद जनपद पंचायत सोहागपुर जिला होशंगाबाद’’ विशेष प्रयास

बापू का सपनों का ग्राम स्वराज्य-

‘‘ग्राम राज्य में ग्राम एक ऐसा पूर्ण प्रजातंत्र होगा, जो अपनी महत्व की जरूरतों के लिए अपने पड़ोसी पर निर्भर नही रहेगा। बहुतेरी दूसरी जरूरतों के लिये जिनमें दूसरों का सहयोग अनिवार्य होगा, वह परस्पर सहयोग से काम लेगा। हर गांव का पहला काम यह होगा कि वह अपनी जरूरत का तमाम अनाज और कपड़े के लिये कपास खुद पैदा करें। उसके पास इतनी अतिरिक्त जमीन होगी कि उसके ढोर चर सकेगें। बच्चों के मन बहलाव के साधनों का प्रबंध होगा।’’
‘‘महात्मा गांधी’’

सत्ता और अधिकारों के विकेंद्रीकरण के साथ-साथ पंचायतराज व्यवस्था में ग्राम पंचायत को आर्थिक आधार प्रदान करते हुयें, वित्तीय संसाधनों के दोहन के भी अधिकार दिये गये है। वास्तविक स्वायत्तता तभी होगी जब ग्राम पंचायतें, आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो। जब हमारी ग्राम पंचायतें संसाधनों और साधनों के मामलें में आर्थिक रूप से सक्षम एवं आत्मनिर्भर होगी, तभी ग्राम पंचायत व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने का एक ठोस आधार प्राप्त होगा। ग्राम के विकास की योजनाओं के लिये संसाधनों का दोहन सक्षमता से करना होगा। पंचायत के विकास की संभावनायें स्वंय तलाश कर प्राथमिकता स्वंय तय करनी होगी। ग्राम सभा में मिल बैठकर संसाधनो को ध्यान में रखते हुये विकास की कार्य योजना बनानी होगी। इसे क्रियान्वयन करने के लिये ग्राम पंचायत को अपने पास उपलब्ध संसाधनों का सही ढंग से दोहन कर, अपनी आय स्त्रोतों में वृद्धि करनी होगी।

ग्राम उदय से भारत उदय अभियान अंतर्गत माह अप्रैल 2016 में जिला होशंगाबाद, जनपद पंचायत सोहागपुर, ग्राम पंचायत-सेमरी हरचंद में भ्रमण का अवसर प्राप्त हुआ था। मैं तभी से इस ग्राम पंचायत की प्रभावी कार्यप्राणाली से बहुत ज्यादा प्रभावित था।

जब एसआईआरडी एण्ड पीआर संस्थान जबलपुर द्वारा ई-न्यूज लेटर ‘‘ पहल’’ हेतु आलेख चाहा गया, तो मुझे इस विकासशील ग्राम पंचायत को ई-लेटर के माध्यम से सभी के समक्ष प्रस्तुत करने का अवसर पुनः प्राप्त हुआ। इसका विशेष कारण यह भी है कि, ग्राम पंचायत सेमरी हरचंद को वर्ष 2015-16 में पंचायत सशक्तिकरण योजनांतर्गत पुरस्कार माननीय प्रधानमंत्री से जमशेदपुर में सरपंच श्रीमती सरस्वती बाई बड़गोति ने स्वंय प्राप्त किया था। जिसमें शासन से ग्राम पंचायत को 12 लाख रूपये की राशि विकास कार्य हेतु अतिरिक्त रूप से प्राप्त हुये।

मैंने 04 मार्च 2017 को पुनः ग्राम पंचायत सेमरी हरचंद का भ्रमण किया। ग्राम पंचायत सेमरी हरचंद जिला मुख्यालय होशंगाबाद से पिपरिया जबलपुर मार्ग पर स्थित है। यह होशंगाबाद से 40 कि.मी एवं जनपद पंचायत मुख्यालय सोहागपुर से 12 कि.मी. दूर है। इस ग्राम पंचायत अंतर्गत एक अन्य ग्राम आमगांव भी है। पंचायत क्षेत्र की कुल जनसंख्या 9552 एवं कुल मतदाता 6119 है।

ग्राम पंचायत के सरपंच श्रीमती सरस्वती बाई बड़गोति एवं पंचायत सचिव श्री नगेंद्र सराठे तथा ग्राम रोजगार सहायक श्री निर्मल सिंह चौहान द्वारा अपने पंचायत क्षेत्र में चल रही विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन एवं पंचायत की स्वंय की आर्थिक आत्मनिर्भरता के संबंध में विस्तार से बताया गया ।

ग्राम पंचायत द्वारा दो तरह के (1) अनिवार्य कर एवं (2) वैकल्पिक कर लगाने का प्रावधान है। पंचायत ने अपनी आमदनी में अपने स्वंय के प्रयासों से सतत् वृद्धि की है। जिसे हम निम्न सारिणी में उल्लेखित आंकड़ों से समझ सकते हैं :-

क्र.  वित्तीय वर्ष   स्वकराधान से पंचायत की आय आंकडे रू. में

1    2012-13      1196463

2    2013-14      1227668

3    2014-15      1230664

4    2015-16      1235958

5    2016-17      1303485

उपरोक्त सारणी में हम देख सकते हैं कि, स्वकराधान से पंचायत की आय (मात्र कर, फीस, शुल्क से प्राप्त) वर्ष 2012-13 में रू. 11,96,463.00 थी जो कि लगातार बढ़ते हुये वर्ष 2016-17 में रू. 13,03,485.00 हो गयी है।

उपरोक्त आय ग्राम पंचायत को जल कर, मकान कर, व्यवसाय कर, दुकान किराया, साप्ताहिक बाजार वसूली, टोल टैक्स, मंगलभवन कर, प्रमाण पत्र शुल्क, टैंकर किराया, प्रकाश कर, बैंक भवन किराया, सफाई कर एवं तालाब जलाशय इत्यादि से प्राप्त स्वकराधान से आय प्राप्त की जा रही है। पंचायत की आय में शासन द्वारा प्राप्त विभिन्न योजनाओं की निर्धारित राशि या अनुदान सम्मिलित नही है। यह ग्राम पंचायत अपनी आय बढ़ाने के प्रति हमेशा स्वकराधान हेतु सजग रहती है, और इस पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

ग्राम पंचायत द्वारा स्वकराधान प्राप्ति हेतु विशेष प्रयास के रूप में पंचायत क्षेत्र में डोंडी पिटवाकर (मुनादी कराकर), विशेष वसूली कैंप लगाकर, प्रोत्साहित करके जैसे- शुल्क की राशि एकमुश्त जमा करने पर 10 प्रतिशत की छूट दिया जाना तथा अन्य प्रयास के रूप में जैसे फसल आने के समय टैक्स वसूली में विशेष प्रयास करना। ग्राम पंचायत द्वारा नियुक्त कर्मचारी वसूलीकर्ता द्वारा घर-घर जाकर निर्धारित स्वकराधान की राशि जमा करके रसीद प्रदाय की जाती है। जिनके द्वारा शुल्क अथवा टैक्स देने में सतत टालम टोली या लापरवाही की जाती है। उन्हें पंचायत द्वारा नोटिस जारी कर आगामी कार्यवाही की जाती है। जब पंचायत की स्वंय की आय होगी तभी ग्राम पंचायत आत्मनिर्भर हो सकती है, एवं सरकार द्वारा प्रदाय राशि से पंचायत की आत्मनिर्भरता और भी प्रभावी हो बन सकेगी।

ग्राम पंचायत में विभिन्न करों की प्राप्त आय से गरीब बेरोजगार हितग्राहियों को ग्राम पंचायत द्वारा उनके रोजगार करने के लिये 43 दुकान शेड का निर्माण कर लागत मूल्य पर ही प्रदाय किये गये है। स्वकराधान की आय से ही ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम पंचायत द्वारा 10 कर्मचारी रखे गये है। यह कर्मचारी पंचायत के कार्यो में अपनी सक्रिय भागीदारी से कार्य निष्पादन में सहयोग करते है।

जिला पंचायत होशंगाबाद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री पी.सी. शर्मा द्वारा उनके भेंट के समय चर्चा में उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत सेमरी हरचंद की तरह ही जिले की सभी ग्राम पंचायतों में स्वकराधान से प्राप्त आय में वृद्धि हो, इस हेतु जागरूगता के लिये विशेष प्रयास किये जा रहे है।




  अनुक्रमणिका  
राजेन्द्र पाराशर,
संकाय सदस्य
सफलता की कहानी - प्रधानमंत्री आवास योजना में चावरपाठा की ग्राम पचांयत काचरकोना एवं डोभी ने बाजी मारी

केन्द्र शासन की नवीन घोषित प्रधानमंत्री आवास योजना वर्ष 2022 तक सबके लिये आवास अंतर्गत महाकौशल क्षेत्र के जबलपुर संभाग में नरसिंहपुर जिले की नर्मदांचल क्षेत्र में स्थित जनपद पंचायत चावरपाठा है । यह जनपद पंचायत राष्ट्रीय राज्य मार्ग क्रमॉंक 26 के लिंक रोड- बरमान से तेंदूखेडा-रायसेन रोड पर स्थित है। इसी रोड में ग्राम पंचायत काचरकोना एवं ग्राम पंचायत डोभी स्थित है।

ग्राम पंचायत काचरकोना कि कुल जनसंख्या-2245 है जिनमें अनुसुचित जाति कि 22 अनुसुचित जनजाति कि 19 अन्य पिछडा वर्ग कि 2189 तथा सामान्य कि 15 है। यह पंचायत नर्मदा के तट पर स्थित है।

शासन की 2011 के आर्थिक जनगणना के आधार पर जिला पंचायत नरसिंहपुर से प्रदत्त आवासहीनो की सूची अुनसार ग्राम पंचायत काचरकोना को प्रधानमंत्री आवास के छः हितग्राहियों को स्वीकृत कर लाभांवित करने का लक्ष्य दिया गया था। जिनमें 1. श्री चेतराम/लीलाधर किरार, 2. श्री खेतसिंह/ हल्केप्रसाद किरार, 3. श्रीमति सुमंत्राबाई/भोपाल यादव (विधवा) 4. श्री हाकमसिंह/बेजनाथ किरार, 5. श्री दौलत सिंह/गोरेलाल यादव एवं 6. श्री खेमचंद्र/ओमकार प्रसाद करेले चयनित है।

उपरोक्त में से सर्व प्रथम निःसंतान तथा आवास एवं भूमिहीन श्री चेतराम/लीलाधर किरार को लाभांवित करने हेतु प्रयास प्रांरभ किया गया। ग्राम पंचायत काचरकोना के सरपंच श्री राजेश कुमार ठाकुर सचिव श्री विनोद कुमार पटेल एवं ग्राम रोजगार सहायक श्री मंजीत कुमार पटेल के अथक प्रयासों से ग्राम में निवासरत श्री मोहन सिंह पिता बैनी सिंह किरार से 30‘ x 30‘ = 900 वर्ग फुट की भूमि ग्राम पंचायत के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास बनाने हेतु

श्री चेतराम/लीलाधर किरार को दान में प्रदत्त की गई। श्री मोहनसिंह व्दारा दान की गई भूमि एक अनुकरणीय उदाहरण है।

दान की भूमि प्राप्त होने के पश्चात हितग्राही को शासन से सत प्रतिशत अनुदान 1.20 लाख रूपये भवन निर्माण हेतु बैंक के माध्यम से उपलब्ध कराया गया तथा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजनान्तर्गत अंतर्गत 90 दिवस की मजदूरी 15030.00 रूपये प्रदाय की गई।

जहाँ पहले दर दर की ठोकरें खाते हुए बेघर था एवं दूसरों के घरों में रहता था वह आज माननीय प्रधानमंत्री की प्रधानमंत्री आवास योजना(ग्रामीण) से स्वयं के घर का मालिक बन गया, पति-पत्नि आवास पाकर खुश है।

इसी प्रकार ग्राम पंचायत डोभी की निवासी श्रीमति रामवती बाई/छोटेलाल किरार जिसे उसके पति ने बरसो पहले तलाख दे दिया था आज जिसकी उम्र लगभग 60 वर्ष है। निःसंतान होने के साथ भूमिहीन एवं आवासहीन, परित्यक्ता महिला को ग्राम पंचायत डोभी के सरपंच श्री जितेन्द्र पटेल, सचिव श्री मूलचंद्र पटेल के प्रयासों से वृद्धावस्ता पेंशन दिलवार कर ग्राम सभा के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास स्वीकृत करवाते हुये शौचालय युक्त पक्का भवन तैयार करवार कर उन्हे भवन का मालिक बनाया। जहाँ पहले दर दर की ठोकरें खाते हुए दुसरे के घरों में रहेती थी वह आज माननीय प्रधानमंत्री की आवास योजना से स्वयं के घर की मालकिन बन गयी तथा आज आवास पाकर प्रसन्नचित है। सभी के अथक प्रयासों से यह योजना सफल हुई ।




  अनुक्रमणिका  
बी.एस.सोलंकी,
संकाय सदस्य
प्रधानमंत्री आवास योजना - ग्रामीण

उददे्श्य - सभी बेघर परिवारों और कच्चे तथा टूटे-फूटे मकानों में रहने वाले परिवारों को 2022 तक बुनियादी सुविधा युक्त पक्का मकान उपलब्ध कराना है।

  1. हितग्राही का चयनः- सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना-2011 की सूची मे सूचीबद्ध परिवारों में से हितग्राहियों के चयन की प्राथमिकता का क्रम निम्नानुसार हैः-
    • सर्वोच्च प्राथमिकता :- आवासहीन/भिक्षावृत्ति करने वाले/हाथ से मैला ढोने वाले/आदिम जनजाति/वैधानिक रूप से मुक्त कराये बंदुआ मजदूर परिवार।
    • द्वितीय प्राथमिकता :- शून्य कक्ष कच्चा आवास श्रेणी वाले परिवार।
    • तृतीय प्राथमिकता :- एक कक्ष कच्चा आवास श्रेणी वाले परिवारों का परस्पर वंचितता की तीव्रता के क्रम से।
  2. ऐसे आवासहीन पात्रता धारी वंचित (गरीब) परिवार जिनका नाम SECC-2011 की सूची में नही है वे 14 अप्रैल 2017 से प्रारंभ होने वाले ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के दौरान ग्राम संसद में SECC-2011 में नाम जोड़ने का आवेदन दे सकते हैं।
  3. योजना के तहत पक्का मकान बनाया जाना अनिवार्य है। पक्के मकान की छत आर.सी.सी. की अथवा गर्डर-फर्सी (पत्थर) अथवा अंग्रेजी कवेलू की हो सकती है।
  4. हितग्राही पक्का आवास उसकी पसंद की डिजाईन तथा आकार का बना सकता है। शासन द्वारा दी गई मकान निर्माण की 9 डिजाईन उदाहरण स्वरूप होकर बंधनकारी नहीं है।
  5. मकान का न्यूनतम निर्मित क्षेत्रफल 270 वर्ग फीट होना चाहिए। रसोई में गैस चूल्हा रखने के लिए प्लेट फार्म बनाया जाना अनिवार्य है ताकि उज्जवला योजना का लाभ मिलने पर गैस चूल्हे से सुरक्षित तरीके से रसोई बनाई जा सके।
  6. पक्के आवास के साथ शौचालय निर्माण आवश्यक है।

अपर मुख्य सचिव महोदय द्वारा वीडियों कान्फ्रेसिंग के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत चयनित हितग्राहियों के माह मार्च मे पुनः भौतिक सत्यापन हेतु निर्देश दिये गये। पुनः भौतिक सत्यापन हेतु योजना के 13 बिन्दु निम्नानुसार हैः-

  1. मोटरयुक्त दोपहिया/तिपहिया/चौपहिया वाहन/मछली पकड़ने की नाव धारण करने वाला परिवार।
    स्पष्टीकरणः- दोपहिया वाहन से आशय ऐसी मोटर साईकल धारण करने वाले परिवार से है जो आरटीओ कार्यालय में पंजीयन अनुसार वर्ष 2016 अथवा उसके पश्चात क्रय की गई है।
  2. कृषि हेतु तिपहिया या चौपहिया वाहन/उपकरण धारण करने वाला परिवार।
  3. ऐसे परिवार जिनके पास पक्का मकान है अथवा जिन्हे पूर्व मे किसी आवास योजना के तहत रू 25,000 या अधिक का लाभ दिया गया है।
    स्पष्टीकरणः- पक्के मकान से आशय ऐसे मकान से है जिसकी दीवारे ईट-सीमेन्ट या पत्थर-सीमेन्ट (मोरटार) या क्रांक्रीट की हो और छत क्रांक्रीट या गर्डर-फर्शी (पत्थर) या अंग्रेजी कवेलू की हो।
  4. ऐसे परिवार जिसका कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी हो।

स्पष्टीकरण - अ- सभी प्रकार के अधिकारी/कर्मचारी जो पूर्णकालिक सेवा में हैं भले ही वे संविदा पर नियुक्त हों इस श्रेणी में आते हैं।
ब- अंशकालीन कर्मचारी जैसे आंगनबाडी कार्यकर्ता, आंगनबाडी सहायिका, ग्राम कोटवार, मध्यान्ह भोजन रसोईया एवं मानदेय पर कार्य करने वाले अंशकालीन व्यक्ति इस श्रेणी के तहत नहीं आते है।
स- रोजगार सहायक इस श्रेणी में अपात्र माने जायेगे। लेकिन यदि ग्राम पंचायत की राय में वह कच्चे आवास में रहने तथा गरीब होने के कारण पात्र प्रतीत हो तो परिवार की आर्थिक स्थिति एवं परिसम्पत्तियों के विवरण सहित प्रस्ताव स्वीकृति के लिए मुख्यालय भोपाल प्रेषित करें।
द- पंच या सरपंच इस श्रेणी में नहीं आते हैं।

  1. ऐसे पंजीकृत गैर-कृषि उद्यम वाले परिवार अर्थात दुकानदार जिनके पास शासन द्वारा जारी किया हुआ लाईसेंस हो।
  2. आयकर देने वाले परिवार।
  3. व्यवसाय कर देने वाले परिवार।
  4. ऐसे परिवार जिनके पास रेफ्रिजरेटर हो।
  5. ऐसे परिवार जिनके पास लैंड लाइन फोन हो।
  6. ऐसे परिवार जिनके पास पॉच एकड़ या अधिक भूमि किसी भी प्रकार से सिंचित हो।
  7. ऐसे परिवार जिनके पास 2.5 एकड़ या इससे अधिक सिंचित भूमि हो और कम से कम एक सिंचाई उपकरण हो।
    स्पष्टीकरणः- उपकरण से आशय टयूबवेल या माइक्रो इरिगेशन या ग्रीन हाउस या ट्रेक्टर युक्त सुविधा मे से किसी भी एक होने से है। कपिलधारा कूप और उस पर सिचाई पंप, उपकरण की परिभाषा में नहीं माने जाएंगे।
  8. ऐसे परिवार जिनके पास 7.5 एकड़ या इससे अधिक भूमि हो और कम से कम सिंचाई का उपकरण हो।
    स्पष्टीकरणः- उपकरण से आशय टयूबवेल या माइक्रो इरिगेशन या ग्रीन हाउस या ट्रेक्टर युक्त सुविधा मे से किसी भी एक होने से है। कपिलधारा कूप और उस पर सिंचाई पंप, उपकरण की परिभाषा में नहीं माने जाएंगे।
  9. ऐसे परिवार जिनका कोई सदस्य रू 10,000 या अधिक प्रति माह कमा रहा हो।
    स्पष्टीकरणः- अ- आरटीओ कार्यालय में पंजीयन के अनुसार यदि किसी हितग्राही ने वर्ष 2016 अथवा उसके पश्चात नई मोटर साईकल क्रय की हो तो उसे अपात्र माना जाये।
    ब- ऐसे परिवार जो सरल क्रमांक 10, 11, एवं 12 में उल्लेखित भूमि से अधिक भूमि धारित करते हों और उनके पास रू 50,000 या अधिक ऋण सीमा वाला किसान क्रेडिट कार्ड हो तो उसे अपात्र माना जाये।
    स- अन्य प्रकरणों में मौके पर भौतिक सत्यापन के आधार पर निर्णय लिया जाये।

उक्त के अतिरिक्त मा. अपर मुख्य सचिव महोदय द्वारा प्राप्त निर्देशों के अनु्क्रम में निम्न परिवार भी अपात्र माने जावेगें-

  1. अविवाहित पुत्र या अविवाहित पुत्रियां एक परिवार का गठन नहीं करते है, अतः इन्हें आवास स्वीकृत नही किया जा सकता है।
  2. ऐसे व्यक्ति जो शासकीय सेवा में नियमित कर्मचारी है या पूर्णकालिक संविदा कर्मचारी हैं, वे अपात्र माने जावेगें।
  3. रोजगार सहायक अपात्र माने जावेगें, लेकिन गरीब सरपंच या पंच को पात्र माना जा सकता है।

इसके अतिरिक्त अपर मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास द्वारा निर्देश दिए गए कि अपात्र हितग्राही के चयन की सूचना देने पर, शिकायतकर्ता को 5000/- की राशि पुरुस्कार स्वरुप प्रदान की जावेगी।

  अनुक्रमणिका  
नव नियुक्त विकासखण्ड अधिकारियों का आधारभूत प्रशिक्षण संपन्न

महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायतराज संस्थान-म.प्र., अधारताल जबलपुर में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित नवनियुक्त विकासखण्ड अधिकारियों का दिनांक 23 जनवरी 2017 से 2 मार्च 2017 की अवधि में आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

प्रशिक्षण में कुल 61 प्रतिभागी जिसमें 32 महिला एवं 29 पुरूष प्रतिभागी उपस्थित रहे हैं। प्रशिक्षण के दौरान व्यवहारिक ज्ञान वृद्धि हेतु

प्रतिभागियों को जबलपुर जिले की जनपद पंचायत जबलपुर और शहपुरा भिटौनी में प्रधानमंत्री आवास योजना एवं स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत किये गये कार्यों का अवलोकन एवं अभ्यास कराया गया।

तत्पश्चात प्रतिभागियों का अध्ययन किये गये विषय वस्तु पर साप्ताहिक मूल्यांकन एवं प्रशिक्षण के अंत में सम्पूर्ण प्रशिक्षण अवधि में बताये गये विषयों का पूर्ण एकजाई मूल्यांकन भी कराया गया।




  अनुक्रमणिका  
प्रकाशन समिति

संरक्षक एवं सलाहकार
  • श्री राधेश्याम जुलानिया (IAS)
    अपर मुख्य सचिव, म.प्र.शासन
    पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग
  • श्री व्ही.के. बाथम(IAS)
    प्रमुख सचिव, म.प्र.शासन
    पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग

प्रधान संपादक
संजय कुमार सराफ
संचालक
म.गां.रा.ग्रा.वि.एवं पं.रा.संस्थान-म.प्र., जबलपुर
सह संपादक
श्रीमती सुनीता चौबे
उप संचालक
म.गां.रा.ग्रा.वि.एवं पं.रा.स.-म.प्र., जबलपुर
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