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मासिक - इकतीसवां संस्करण अक्टूबर, 2017
अनुक्रमणिका हमारा संस्थान
  1. स्रीजनल इंटरएक्टिव वर्कशाप ऑफ नेशनल लेवल मॉनीटर
  2. अपनी बात ....
  3. माननीय मंत्री, मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, रूस ‘‘ब्रिक्स’’ सम्मेलन में शामिल हुये
  4. वीडियो कांफ्रेंस दिनांक 07.09.2017 में दिये गये निर्देश
  5. वीडियो कांफ्रेंस दिनांक 14.09.2017 में दिये गये निर्देश
  6. जल बिन जीवन कहॉ........
  7. ग्राम पंचायत की स्थायी समितियां
  8. प्रधानमंत्री आवास योजना से बिहारी लाल को मिली एक छत

संस्थान में रीजनल इंटरएक्टिव वर्कशाप ऑफ नेशनल लेवल मॉनीटर्स का आयोजन

संस्थान में ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार एवं राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज संस्थान, हैदराबाद के सौजन्य से राष्ट्रीय स्तर के मानीटर्स की रीजनल इंटरएक्टिव विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 4-5 सितम्बर 2017 अवधि में किया गया।

इस कार्यशाला में श्री मुकुट सिंह, सीनियर एडवाइजर एवं श्रीमती रेखा चौहान, उप सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार सम्मिलित हुये।

कार्यशाला में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, उड़ीसा, राजस्थान, झारखण्ड, उत्तरप्रदेश एवं पश्चिम बंगाल राज्यों के अधिकारीगण एवं नेशनल लेवल मानीटर्स द्वारा अपने-अपने राज्यों के प्रजेन्टेशन प्रस्तुत किये गये।

संचालक, महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायतराज संस्थान-म.प्र. जबलपुर द्वारा मध्यप्रदेश शासन का प्रतिनिधित्व किया गया। उनके द्वारा मध्यप्रदेश में चल रही ग्रामीण विकास योजनाओं पर चर्चा की गई।

  अनुक्रमणिका  
माननीय मंत्री, मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, रूस ‘‘ब्रिक्स’’ सम्मेलन में शामिल हुये
अपनी बात .....

‘‘पहल’’ मासिक ई-न्यूज लेटर का इकतीसवां संस्करण का प्रकाशन किया जा रहा है, जो इस साल का मासिक संस्करण के रूप में दसवां संस्करण है।

इस माह संस्थान में ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार एवं राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज संस्थान, हैदराबाद के सौजन्य से राष्ट्रीय स्तर के मानीटर्स की रीजनल इंटरक्टिव विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई, जिसके संबंध में एक समाचार आलेख प्रस्तुत किया गया है।

इसके अतिरिक्त ‘‘माननीय मंत्री, मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, रूस ‘‘ब्रिक्स’’ सम्मेलन में शामिल हुये’’ विषय पर समाचार को एक आलेख के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है।

अपर मुख्य सचिव/ विकास आयुक्त महोदय द्वारा वीडियो कांफ्रेन्स दिनांक 07 सितम्बर, 2017 एवं 14 सितम्बर, 2017 में दिये गये निर्देश प्रस्तुत किये गये है। साथ ही ‘‘जल बिन जीवन कहॉ-ग्राम पंचायत कुर्राहा में जल की समस्या से निजात’’ तथा ’’प्रधानमंत्री आवास योजना से बिहारीलाल को मिली छत’’ के माध्यम से दो सफलता की कहानियां प्रस्तुत की गई हैं। इसके अतिरिक्त ‘‘ग्राम पंचायत की स्थायी समितियां’’ विषय पर भी एक आलेख प्रस्तुत किया गया हैं।

हमें पूर्ण विश्वास है कि आपको ‘पहल’ का यह संस्करण अत्यंत रूचिकर लगेगा तथा कई विषयों पर जानकारी प्रदान करेगा।
शुभकामनाओं सहित।

संजय कुमार सराफ
संचालक

मध्यप्रदेश शासन के पंचायत ग्रामीण विकास मंत्री माननीय पं. गोपाल भार्गव ब्रिक्स देशो के अंतराष्ट्रीय फोरम का सम्मेलन हेतु रूस पहुंचे।

दिनांक 21 एवं 22 सितम्बर, 2017 को उफा रूस में ब्रिक्स देशो के अंतर्राष्ट्रीय फोरम का सम्मेलन आयोजित किया गया। यह सम्मेलन ‘‘सामुदायक अंधोसंरचना विकास मे नागरिको की सहभागिता’’ विषय पर वित्त मंत्रालय एवं वर्ल्ड बैंक के सहयोग से आयोजित किया गया।

इस सम्मेलन में ब्रिक्स देशों के सामुदायिक अंधोसंरचना विकास से संबंधित सलाहकारों विशेषज्ञों एवं क्षेत्रीय शासकीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसमें भारत की ओर से मध्यप्रदेश सहित देश भर के ग्रामीण क्षेत्रों में हुए कार्य, उनकी प्रगति एवं भविष्य की कार्ययोजनाओं के बारे में जानकारी प्रस्तुत की गई।

भारत की ओर से इस सम्मेलन में केन्द्रीय राज्य मंत्री, माननीय श्री पुरसोत्तम रूपला पंचायत राज्य कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री भारत सरकार और मध्यप्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा सामाजिक न्याय मंत्री, माननीय पं. गोपाल भार्गव जी ने भाग लिया।




  अनुक्रमणिका  

वीडियो कांफ्रेंस दिनांक 07.09.2017 में दिये गये निर्देश

1.मुख्य सचिव महोदय के निर्देश

1. समस्त संभागीय आयुक्त एवं कलेक्टर को निर्देश दिए कि राजस्व प्रकरणों को अभियान चलाकर निराकृत कराएं। जिले राजस्व वसूली पर विशेष ध्यान देते हुए तेजी लाएं। राजस्व विभाग में बड़े पैमाने में पद स्वीकृत एवं पूर्ति की जाना है और यह तभी संभव होगा जब जिले राजस्व वसूली करें।

2. अधिकांश जिलों में कम वर्षा के कारण नदी-नालों में बहते पानी को रोकने के लिए स्टापडेम के गेट बंद करने का अभियान चलाया जाए। नरेगा अंतर्गत बोरीबंधान कराकर पानी रोकें।

2.विकास आयुक्त महोदय के निर्देश

2.1 नरेगा मजदूरी भुगतान में 15 दिन से अधिक विलम्ब के प्रकरणों की संख्या अगले सप्ताह तक शून्य करें।

2.2 भुगतान के लिए 15 दिन से ज्यादा प्रकरण लंबित रहने की दशा में सीईओ, जनपद पंचायत, परियोजना अधिकारी एवं सहायक परियोजना अधिकारी व्यक्तिशः जिम्मेदार होंगे।

2.3 सभी जिले जियोटेगिंग कार्य में तेजी लाएं।

2.4 आगामी वीसी में वृक्षारोपण, खेल मैदान, जिओटेगिंग, मोक्षधाम, लंबित भुगतान एवं प्रगतिरत कार्यों की समीक्षा की जाएगी।

3.पंचपरमेश्वर

3.1 ग्राम पंचायतों की जानकारी पोर्टल से डाउनलोड कर आवश्यक संशोधन कर जानकारी आगामी दो दिवस में ई-मेल से भेजें।

3.2 जिन ग्राम पंचायतों में सी.सी. रोड का कार्य पूर्ण हो गया हो उनमें जर्जर सी.सी. रोड के नवीनीकरण के संबंध में तकनीकी निर्देश जारी किए गए हैं। इन निर्देशों से समस्त सरपंचों को अवगत कराएं।

3.3 सी.सी. सड़क के साथ यदि ग्राम की आबादी क्षेत्र में पुलिया निर्माण आवश्यक हो तो पंचपरमेश्वर योजना के तहत सुदूर सड़क संपर्क योजना के मापदण्ड एवं तकनीकी दिशा निर्देश अनुसार पुलिया निर्माण किया जा सकता है।

3.4 सुनिश्चित करें कि रेत एवं गिट्टी की कमी के कारण विकास कार्यों में बाधा न आए। इस संबंध में पूर्व वीसी दिनांक 22.08.2017 के मिनिट्स में परिवहन के लिए निर्देश दिए गए हैं, जिनका अनुसरण करें।

4.स्वच्छ भारत मिशन

4.1 कलेक्टर अनुमोदन से सिंगरौली में आजीविका मिशन के एसएचजी से शौचालय निर्माण कराने हेतु जिला पंचायत के खाते से रिवाल्विंग फण्ड के रूप में अग्रिम देने की अनुमति दी गई।

4.2 एसएचजी प्रेरक का इनसेन्टिव प्लान राज्य कार्यक्रम अधिकारी तैयार कर विकास आयुक्त को प्रस्तुत करें।

4.3 आगामी वीसी में लक्ष्य के विरूद्ध 33 प्रतिशत से कम उपलब्धि वाले जिलों की समीक्षा की जाएगी। जिन जनपदों की उपलब्धि 33 प्रतिशत से कम हो उनकी समीक्षा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत अपने स्तर से करें।

4.4 जिओ टैग फोटो अपलोड कराने की जिम्मेदारी जिला समन्वयक की है। दिनांक 20 सितम्बर तक जिला स्तर पर शेष लक्ष्य का 50 प्रतिशत कार्य पूरा कराया जाए।

5.प्रधान मंत्री आवास योजना

5.1 जहां जीआरएस फोटो अपलोड करने में लापरवाही बरतें उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाए।




  अनुक्रमणिका  

अपर मुख्य सचिव महोदय/विकास आयुक्त द्वारा वीडियो कांफ्रेंस दिनांक 14.09.2017 में दिये गये निर्देश

अ. कलेक्टर के साथ:

1. 15 सितम्बर से 02 अक्टूबर 2017 तक प्रदेश में ‘‘स्वच्छता ही सेवा’’ एवं ‘‘पानी रोको’’ अभियान संचालित किया जाए। इस हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं नगरीय विकास विभाग ने निर्देश जारी किये हैं।

2. अल्प वर्षा की पृष्ठभूमि में पेयजल की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए। आवश्यकतानुसार अग्रिम तैयारी की जाए।

3. अल्प वर्षा की पृष्ठभूमि में रबी में कम पानी अथवा बिना पानी की फसलों को लेने के लिए कृषकों में जागरूकता पहुंचाई जाए।

ब. मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत के साथ:

1.1 ‘‘स्वच्छता ही सेवा’’ अभियान के लिए स्वच्छता रथ इस प्रकार संचालित किए जाएं कि प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय में न्यूनतम 3 घंटे रथ रूककर प्रचार-प्रसार कर सके।

1.2 अधिकाधिक ग्राम/पंचायत/विकासखंड/जिले को 02 अक्टूबर को ओडीएफ घोषित किया जाए बशर्ते कि उनमें भारत सरकार के पोर्टल पर शौचालय विहीन घरों की संख्या शून्य हो गई हो।

2.प्रधानमंत्री आवास योजना:

2.1 राजगढ़, सागर, उज्जैन एवं गुना जिले ने उत्कृष्ट कार्य किया है। सिंगरौली, श्योपुर, सीधी , हरदा एवं भिण्ड जिले की प्रगति बहुत ही कमजोर है इसमें शीघ्र सुधार किया जाए।

2.2 जिन जिलों में 1500 से कम तथा जनपदों में 150 से कम आवास पूर्ण हुए हैं उनकी समीक्षा की गई। सुधार के लिए सलाह दी गई।

2.3 मुख्यमंत्री आवास मिशन में आवास पूर्णता एवं रिकवरी की समीक्षा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत अपने स्तर पर करें।

3.मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम:

3.1 कार्यक्रम से संबंधित जिन एसएचजी/रसोइया /पीटीए के खाते सहकारी बैंकों या नागरिक बैंकों में हैं उनमें धनराशि पहुंचाने में ज्यादा विलम्ब हो रहा है। इनके खाते वाणिज्यिक/ राष्ट्रीयकृत बैंकों में खुलवाये जाएं ताकि भुगतान में विलम्ब न हो।

3.2 इस माह का राशन 20 सितम्बर तक आनलाईन जारी किया जाए।

3.3 30 सितम्बर तक की अवधि के लिए रसोईयों का मानदेय भुगतान 25 सितम्बर तक आनलाईन किया जाए।

3.4 1 अक्टूबर से मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम से संबंधित समस्तकार्य आनलाईन होगा। कोई पत्राचार एवं कागजी लिखापढ़ी नहीं की जाए।

4.पंचपरमेश्वर :

4.1 सीसी सड़क, पक्की नाली, प्रधानमंत्री आवास योजना एवं स्वच्छ भारत मिशन आदि के लिए ग्राम पंचायतों को रायल्टी मुक्त रेत एवं गिट्टी की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। जिन स्थानों पर रेत/गिट्टी के परिवहन की दूरी ज्यादा हो वहां जिला पंचायत की निधि से डम्फर/ट्रेक्टर किराये पर लगाने के लिए विकास आयुक्त से मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत अनुमति ले।

4.2 जिला पंचायतों में कार्यरत डीआरडीए के अमले का वेतन भुगतान राज्य स्तर के खाते से किया जाएगा। जानकारी गूगल शीट में भेजें।

4.3 जिला एवं जनपद पंचायत के अन्य समस्त अमले के वेतन का भुगतान अगले माह से सीधे राज्य के खाते से किया जाएगा। संचालक, पंचायत द्वारा निर्धारित गूगल शीट में जानकारी भेजें।

5.मनरेगा :

5.1 निर्माणाधीन मोक्षधाम एवं खेल मैदान यथाशीघ्र पूर्ण कराएं। कार्यपालन यंत्री, ग्रायासे स्वयं निरीक्षण/मॉनीटरिंग करें।

5.2 वृक्षारोपण परियोजना के तहत जहां पौधरक्षक का कार्य संतोषजनक नहीं हो वहां पौधरक्षकों को बदला जाए।

5.3 दतिया, भोपाल, भिण्ड, ग्वालियर, मंदसौर, नीमच एवं सीहोर जिले में जियोटेगिंग की प्रगति नगण्य है। सुधार करें।




  अनुक्रमणिका  

जल बिन जीवन कहॉ-”ग्राम पंचायत कुर्राहा में जल की समस्या से निजात“

जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। आज हमारी पृथ्वी में दिन प्रतिदिन जल की समस्या का कहर आता जा रहा है, और लोगो को शुद्ध पेयजल की दिन प्रतिदिन समस्या का सामना करना पड रहा है। जल की समस्या सभी जगह है, पर इस जल की समस्या से कैसे निजात पाए। इस गुत्थी को सुलझाना बहुत जरूरी है।

जल की समस्या हमारे मध्यप्रदेश के बुन्देलखण्ड में सदैव बनी रहती है। वैसे भी बुन्देलखण्ड क्षेत्र को कई बार सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया है। बुन्देलखण्ड में पर्याप्त वर्षा न होने के कारण पानी का स्तर काफी निम्न है। जिससे शुद्ध पेय की समस्या बनी रहती है। पशुओं के लिए पानी अपर्याप्त रहता है। खेती की सिचाईं के लिए समस्या बनी रहती है। लोगो को गांव के बाहर दूर जाकर पानी लाना पड़ता है। जिससे गांव के लोगो की यह गंभीर समस्या है बनी रहती है।

ऐसी ही जल की गंभीर समस्या की आज हम चर्चा कर रहे है। यह समस्या बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जिला छतरपुर के जनपद नौगांव के अंतर्गत कुरार्हा ग्राम पंचायत के गर्रा पुरवा की है। इस पुरवा में पानी की आय दिन समस्या होने के कारण लोग बहुत परेशान थे। पानी के लिए 2-3 किलोमीटर दूर जाकर पानी लाना पड़ता था। गांव के समुदाय के लोगो के द्वारा कई बार कलेक्टर छतरपुर को आवेदन कर आग्रह किया कि पानी की समस्या को हल करवाया जाए, कई बार जन सुनवाई में भी लोगों ने जाकर समस्या बतलाई और शिकायत पत्र भी दिया। गांव में हैण्डपंप भी नहीं है। और पीएचई विभाग के पास भी और आवेदन दिया पर पीएचई विभाग के द्वारा भी बोर कराय गए पर बोर सफल नहीं हुआ। कई बार बोर कराने पर पत्थर निकला और पानी की समस्या ज्यों की त्यों बनी रही। इस पानी की समस्या से लगभग 150 परिवार के लोग जूझ रहे थे। जिसकी लगभग 2000 आबादी है।

फिर एक दिन सभी ग्राम वासियो द्वारा गांव के सरपंच एवं सचिव को आवेदन दिया। सरपंच नाजिर बेगम, सचिव प्रदीप दुबे और ग्राम वासियों के सहमति से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम के अंतर्गत उस पुरवा में सार्वजानिक कूप निमार्ण कार्य कराया गया। इस कूप निमार्ण की स्वीकृति वर्ष 2016-17 में मिली। इस कूप निमार्ण में लगभग 4.47 लाख रूपये की लागत से बना। कूप निमार्ण से कूप में पर्याप्त पानी है। इस कूप निमार्ण में पशुओं के पानी पीने के लिए हौदी का निमार्ण कार्य कराया गया। पानी का स्तर बढाने के लिए सौख्ता गड्ढा भी बनाया गया।

इस सार्वजनिक कूप निमार्ण का पानी का उपयोग वहां के रहने वाले समुदाय के लोग करते है। इस कूप में पानी पर्याप्त होने से लोगो में बहुत खुशी है। अब पानी के लिए दूर नहीं जाना पड़ता है। इस सार्वजनिक कूप से गर्रा पुरवा वालो के लिए पानी पर्याप्त होने से वहां के लोगो के लिए पानी की समस्या से निजात हमेशा के लिए मिल गई है। वहां के लोगो का विश्वास और संकल्प से सिद्धि की भावना का विकास पंचायत राज के ग्राम पंचायत के लिए और भी अटूट हो गया है। वहां के ग्रामवासी अब विकास योजनाओं में अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन करने लगे है। लोग विकास की भागीदारी के लिए आगे आ रहें है। जिससे वे और भी लोगो को प्रेरित कर अपनी-अपनी जिम्मेदारी सहभागिता और पारदर्शिता में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सके।

ग्रामीण विकास एवं पंचायतराज योजनाओं के अन्तर्गत ऐसे ही अच्छे कार्या को करने के लिए कलेक्टर महोदय द्वारा ग्राम पंचायत के सचिव श्री प्रदीप दुबे को 15 अगस्त 2017 को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। यह प्रशस्ति पत्र ग्राम पंचायत को दिए गए योजनाओं के कार्यो को समय सीमा के अन्तर्गत लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिये दिया गया है और अब यह ग्राम पंचायत उस क्षेत्र के आसपास के कई ग्राम पंचायतों के लिए एक आदर्श बन गई है। सभी ग्राम पंचायत आदर्श एवं प्रेरणा के रूप में स्थापित हो । ग्राम विकास में अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन करें। ताकि सभी लोगों को उनकी सकिय भागीदारी से चहुँमुखी विकास की ओर अग्रसर कर समाज की मुख्य धारा से जोड़ सके ।

इसी आशा के साथ.... ।




  अनुक्रमणिका  
कु. लवली मिश्रा
संकाय सदस्य
ग्राम पंचायत की स्थायी समितियां

ग्रामीण क्षेत्र में गठित ग्राम पंचायतों द्वारा लिये गये निर्णयों के क्रियान्वयन करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामान्य प्रशासन, निर्माण तथा विकास और शिक्षा, स्वास्थ्य तथा समाज कल्याण इन तीन स्थाई समितियां बनाने का प्रावधान मध्यप्रदेश के पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम में किया गया है।

स्थाई समितियों का गठन

ग्राम पंचायत की ये तीनों ही स्थायी समितियां ग्राम पंचायत द्वारा सौपें गये कार्यो को करती है। इन पर ग्राम पंचायत का नियंत्रण होता है। ग्राम पंचायत के पंच इन समितियों के सदस्य होते हैं। सरपंच और उप सरपंच सभी समितियों के पदेन सदस्य होते हैं। प्रत्येक समिति में चार सदस्य बनाये जाते हैं। सभी समितियों के सभापति सरपंच होते हैं। अधिक से अधिक पंचों को इन स्थायी समितियों में कार्य करने का अवसर मिले इसके लिए कोई भी पंच को दो तक स्थाई समिति के सदस्य होने की पात्रता हो सकती है इससे अधिक में नहीं। इन तीनों ही स्थाई समितियों के सचिव ग्राम पंचायत के सचिव होते हैं। इन समितियों के सदस्यों का कार्यकाल उनके पंचायत के कार्यकाल के बराबर ही होता है।

स्थाई समितियों की बैठक

स्थाई समिति की बैठक कम से कम माह में एक बार होती है। यह बैठक सभापति होने के नाते सरपंच द्वारा बुलायी जाती है। ये बैठकें ग्राम पंचायत भवन या अन्य स्थान पर बुलाई जा सकती है। स्थाई समिति के सदस्यों को बैठक की सूचना तीन दिन पहले दी जाती है। हॉं यह ध्यान रखा जाता है कि, एक साथ एक से ज्यादा समितियों की बैठक नहीं बुलाई जावे। सभी बैठकों में सरंपच द्वारा अध्यक्षता की जावेगी। सरपंच के बैठक में उपस्थित न होने पर उपसरपंच द्वारा बैठक की अध्यक्षता की जावेगी। समिति के आधे सदस्यों से बैठक का कोरम पूरा होता है। कोरम पूरा न होने की स्थिती में बैठक स्थगित कर दी जाती है और पुनः बैठक का आयोजन किया किया जाता है। इस प्रकार की स्थगित बैठक के पुनः आयोजन में कोरम की जरूरत नहीं होती। सदस्यों के द्वारा बहुमत से निर्णय लिया जाता है। स्थाई समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों को ग्राम पंचायत की बैठक में रखा जाता है।

स्थाई समितियों के कार्य

सामान्य प्रशासन समिति

  • ग्राम पंचायत के प्रशासन की स्थापना और सेवाऐं
  • ग्राम पंचायत क्षेत्र में निर्माण का अनुमोदन
  • बजट
  • लेखे
  • कराधान तथा अन्य वित्तीय विषय
  • भूमि विकास तथा सरंक्षण
  • खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति
  • राजस्व
  • बीस सूत्रीय कार्यक्रम
  • इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायत को सौंपे गये तथा अन्य समिति को आवंटित न किए गए समस्त विषय

निर्माण तथा विकास समिति

  • ग्राम पंचायत क्षेत्र में योजना, प्रबंधन, कार्यान्वयन तथा सभी निर्माण कार्यो का पर्यवेक्षण
  • अभिन्यास ‘‘ ले आउट’’ की योजना
  • बजट तथा कार्यान्वयन
  • सभी प्रकार की स्कीमें और कार्यक्रम
  • संचार में सुधार
  • ग्राम कुटीर तथा खादी उघोगों के विकास पर विशेषतः महिला तथा बच्चों के लिए उद्यान और उपवन‘‘ पार्क’’
  • भविष्य में निर्माण हेतु अपनी स्वयं की परियोजनाओं का प्रस्ताव
  • ग्रामीण विद्युतीकरण
  • वन
  • लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी
  • डेयरी
  • कृषि
  • जल संसाधन

शिक्षा, स्वास्थ्य तथा समाज कल्याण समिति

  • ग्राम पंचायत क्षेत्र के सभी विद्यालयों का निरीक्षण
  • प्रत्येक मास की 5 तारीख तक पूर्ववर्ती मास के दौरान शिक्षकों को उपस्थिति का प्रमाणन
  • अनौपचारिक शिक्षा की प्रोन्नति तथा सहायता
  • प्रौढ़ शिक्षा जिसमें आई.सी.डी.एस., आगंनवाड़ी, बालवाड़ी
  • सामाजिक सुरक्षा पेंशन
  • टीकाकरण तथा परिवान नियोजन कार्यक्रम सहित सभी कल्याणकारी स्कीमों को प्रोत्साहन और निरीक्षण तथा ग्राम पंचायत क्षेत्र में स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण स्कीम तथा स्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण तथा उनकी उपस्थिति का प्रमाणन
  • सामाजिक रूप से पिछड़े तथा समाज के विकलांग वर्गो तथा लोगों के लिए कल्याण स्कीमों का निर्माण तथा कार्यान्वयन तथा ग्राम पंचायत क्षेत्र में आरोग्यता तथा स्वच्छता
  • महिला बाल विकास विभाग, समाज कल्याण, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जन जातियों तथ अन्य पिछड़े वर्गो के लिए तथा उन लोगों के लिए जो गरीबी रेखा से नीचे हैं, विकास तथा विशेष कार्यक्रम
  • मत्स्य पालन
  • खेलकूद
  • श्रम

पंचायतराज व्यवस्था को सफल क्रियान्वयन के लिए यह जरूरी है कि, ग्राम पंचायतें अपनी स्थाई समितियों की बैठकें नियमानुसार करें। स्थाई समितियों के सौंपे गये विषयों से संबंधित चर्चा पहले स्थाई समिति में की जावे उसके बाद ग्राम पंचायत की सामान्य सभा में उन विषयों को रखा जाना चाहिए। स्थाई समितियों को सौंपे गये विषयों के अनुसार कार्यो को करें। इससे स्थाई समितियों में सम्मिलित सदस्य जो कि उसी ग्राम पंचायत के पंच हैं उन्हें भी सहभागिता देने का अवसर मिलेगा। जब ग्राम पंचायत की स्थाई समितियां अपना-अपना काम अच्छे से करेंगी तो वह पूरी ग्राम पंचायत सशक्त होगी।




  अनुक्रमणिका  
डॉ. संजय कुमार राजपूत
संकाय सदस्य
प्रधानमंत्री आवास योजना से बिहारी लाल को मिली एक छत

प्रधानमंत्री आवास योजना, केन्द्र सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई जो आवासहीन व्यक्ति को एक सम्मानजनक जीवन जीने तथा जीवनस्तर को ऊँचा उठाने की एक महत्वपूर्ण योजना है। एक ऐसा परिवार जो कि कच्चे मकान में निवास कर रहा था

इस योजना के तहत उस परिवार के मुखिया श्री बिहारी लाल पिता श्री कन्हैयालाल जाति आदिवासी ग्राम काकरीया ग्राम पंचायत काकरीया को 1.20 हजार अनुदान राशि तथा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी स्कीम मध्यप्रदेश के तहत 90 दिन की मजदूरी हेतु 15000/- अनुदान राशि एवं 12000/- प्रोत्साहन राशि शौचालय निर्माण हेतु प्रदान की गई है।

श्री बिहारीलाल ,द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान निर्माण होने के पश्चात चर्चा के दौरान यह बताया गया कि पूर्व में कच्चे मकान में रह रहा था जिससे उसका परिवार बीमारी का शिकार रहता था तथा रिश्तेदार एवं समाज में ठीक से इज्जत नहीं मिलती थी। इस योजना से मुझे और मेरे परिवार को लाभ स्वरूप एक छत नसीब हुई है, अतः हम इस योजना की प्रशंसा करते है। साथ ही स्वच्छ भारत मिशन में शौचालय निर्माण प्रोत्साहन राशि शासन द्वारा उपलब्ध करवाई गई उससे खुले में शौच जाने से हम मुक्त हुए है। इस योजना का लाभ लेकर हम अपने आपको गौरान्वित अनुभव करते हैं। इस योजना का लाभ दिलाने का श्रेय ग्राम पंचायत सरपंच श्री गजरा वास्केल को भी जाता है।




  अनुक्रमणिका  
चन्द्रपालसिंह चौहान,
संकाय सदस्य
प्रकाशन समिति

संरक्षक एवं सलाहकार
श्री राधेश्याम जुलानिया (IAS)
अपर मुख्य सचिव, म.प्र.शासन
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग

प्रधान संपादक
संजय कुमार सराफ
संचालक
म.गां.रा.ग्रा.वि.एवं पं.रा.संस्थान-म.प्र., जबलपुर
सह संपादक
श्रीमती सुनीता चौबे, उप संचालक, म.गां.रा.ग्रा.वि.एवं पं.रा.स.-म.प्र., जबलपुर
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